ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे और पिघलते ग्लेशियर को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी क्या बोले, आप भी सुनिए
देहरादून – प्रदेश में बिजली की किल्लत की आशंका को लेकर सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि हम रास्ता निकाल रहे ,समीक्षा कर रहे ,समस्या का समाधान निकाल रहे ,ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ भी इस संबंध में चर्चा हुई है।
वहीं प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फॉरेस्ट फायर को बुझाने के लिए जो जरूरी इंतजाम है वह किए जा रहे।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृति , धर्म और अध्यात्म का केंद्र है,उत्तराखंड में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए,कानून व्यवस्था बनी रहनी चाहिए,उसके लिए जो भी आवश्यक ड्राइव है वह चलाई जाएगी।
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे,पिघलते ग्लेशियर को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं। क्या सरकार की तरफ से भी कोई प्रयास हो रहे हैं इस सवाल के जवाब में सीएम पुष्कर धामी का कहना है कि हमारा प्रदेश कठिन भौगोलिक परिस्थिति का प्रदेश है और प्रत्येक वर्ष किसी न किसी आपदा का सामना करना पड़ता है,उसको लेकर हम लगातार काम कर रहे हैं,पिछले वर्ष भी जब अतिवृष्टि आई थी और उसकी सूचना हमें मिल गई थी तो उसका यह लाभ हुआ कि उस दौरान उत्तराखंड में 1 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां मौजूद थे लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ । सीएम ने कहा कि हम अनुसंधान केंद्र बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं और भारत सरकार से भी अनुरोध किया है। ग्लेशियर से संबंधित विषय पर भी काम कर रहे हैं।