राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में बहुत से ऐसे काम हुए हैं,जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई। इनमें बहुत सी योजनाओं पर काम हो गया है या काम तेजी से चल रहा है। 16 हजार 216 करोड़ रूपए की ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। परियोजना को 2024-25 तक पूरा कर लिया जाएगा। टनकपुर-बागेश्वर और डोइवाला से गंगोत्री-यमुनोत्री रेललाइन के सर्वे की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। हरिद्वार-देहरादून रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य जल्द पूरा किया जायेगा। केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 889 किलोमीटर की चारधाम सड़क परियोजना पर काफी काम किया जा चुका है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई है। पिछले कुछ वर्षों में एयर कनेक्टिविटी को बहुत मजबूती मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रस्तावित योजना के अनुसार शीघ्र ही हेमकुंड साहब को रोपवे से जोड़ा जा सकेगा और केदारनाथ तक केबल कार भी चलेगी। जिससे पर्यटन के क्षेत्र में हमें अत्यन्त लाभ होगा। हम उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाएं लाए हैं। इनमें देश का पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर, सीपेट, कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी,सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाईबर शामिल है। इसके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी परियोजना उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट और जमरानी बहुद्देशीय परियोजना,भारत नेट फेज-2 परियोजना सहित अन्य बहुत सी परियोजनाएं भी डबल इंजन का ही परिणाम है। राज्य सरकार युवाओं के लिए समर्पित सरकार है। हमने 24 हजार सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की है। राज्य की भर्ती परीक्षाओं में आवेदन शुल्क से राहत दी गई है। समूह-ख और ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी गई है। संघ लोक सेवा प्रयोग,एन.डी.ए, सी.डी.एस. और उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जा रही है। विभिन्न विभागों को स्वरोजगार के टाईम बाउंड लक्ष्य दिये गये हैं। आवेदकों की सुविधा के लिए कैम्प लगाकर एक ही स्थान पर सारी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य बन गया है। शत-प्रतिशत दूसरी डोज का लक्ष्य भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन, परिवहन और संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़,चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ जबकि महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ रूपए का कोविड राहत पैकेज दिया जा रहा है। लाभार्थियों के खातों में डीबीटी द्वारा राहत राशि पहुंचनी भी शुरू हो गई है। प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रूपये प्रति माह दिये जायेंगे। राज्य सरकार इन बच्चों का एक अभिभावक की तरह पूरा संरक्षण करेगी। पिछले वर्षों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक जिले में आक्सीजन प्लांट प्रारम्भ किए गए हैं। हमने राज्य में निशुल्क जांच योजना प्रारम्भ की है। इसके तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथेलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधा मिल रही है। आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में 44 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक 3 लाख 40 हजार से अधिक मरीज मुफ्त में उपचार करा चुके है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के उपचार पर अब तक 461 करोड़ अधिक का व्यय किया जा चुका है
राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में वर्ष 2018 में हम 10वें स्थान पर थे और आज हमारा स्थान तीसरा हो गया है। ऊर्जा और कानून व्यवस्था संबंधी इंडेक्स में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर है। मातृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर आदि स्वास्थ्य सूचकों में काफी सुधार हुआ है। तमाम सामाजिक-आर्थिक सूचकांक में हम देश के अग्रणी राज्यों में हैं। राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। प्रदेश के लोक कलाकारों का मानदेय दोगुना किया है। वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन की राशि को एक हजार रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर बारह सौ रूपए प्रतिमाह किया गया है। ग्राम प्रहरियों का मानदेय रूपए 2 हजार प्रतिमाह किया गया है। सरकार अन्त्योदय की भावना के अनुरूप विकास का लाभ, अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। लोगों को योजनाओं का लाभ मिले और उनकी समस्याओं का समाधान हो,इसके लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि पर खास तौर पर फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण आन्दोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही। जनभावनाओं को सर्वोच्च सम्मान देते हुए राज्य सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। अब हम गैरसैण में राजधानी के अनुरूप आवश्यक सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना पर काम कर रहे हैं। सरकार का पूरा कार्यकाल दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों के विकास को समर्पित रहा है। यह पहली सरकार है जिसने पलायन को गम्भीरता से लिया और रिवर्स पलायन को साकार करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। वोकल फॉर लोकल पर आधारित ’’एक जनपद दो उत्पाद’’ योजना से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे, वहीं स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिलेगी। होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। 16 ईको टूरिज्म डैस्टीनेशन विकसित किए जा रहे हैं। ट्रैकिंग मार्गों पर भी होम स्टे को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा हैं। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसकी अलग से विंग बनाई गई है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की अपेक्षा के अनुसार हम वर्ष 2025 तक जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा,तब हम उसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं और इसके लिए हम ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र को ध्यान में रखकर दिन-रात कार्य कर रहे हैं। जिसके द्वारा हम अन्त्योदय के अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकें और उत्तराखंड को सच्चे अर्थों में देवभूमि बना सकें।