उत्तराखण्ड राज्य को पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाए जाने वाला राज्य किया गया घोषित
जिसमें सबसे पहले हेल्थ केयर वकर्स का टीकाकरण प्रारम्भ किया गया जिसके पश्चात् फन्ट लाइन वर्कर्स फिर 60 से अधिक आयु और 45-59 आयु के गम्भीर रोगों से ग्रसित रोगियों का टीकाकरण प्रारम्भ किया गया,जिसके पश्चात 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त लाभार्थियों का टीकाकरण प्रारम्भ किया गया जिसमें गर्भवती महिलायें और दिव्यांग नागरिक भी सम्मिलित है।
राज्य में दिनांक 16 अक्टूबर, 2021 तक कुल 99.6% हेल्थ केयर वर्कर्स, 99.2% फ्रंट लाइन वर्कर्स और 18 वर्ष से अधिक आयु के 96.1% लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीनेशन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है और अन्य शेष लाभार्थियों में गर्भवती महिलाये (जिनको उचित परामर्श प्रदान जागरूक किया जा रहा है और उनके द्वारा सहमति व्यक्त करने पर ही उन्हें वैक्सीन लगायी जा रही है) Contraindicated लाभार्थी (अर्थात जिनको कोई गम्भीर बिमारी है या जो रक्त पतला करने की दवा ले रहे है या जिनको Drug से एलर्जी है या पूर्व में किसी भी टीके से कोई प्रतिकूल प्रभाव हुये है) और ऐसे लाभार्थी है जो वैक्सीन लगवाने के इच्छुक नहीं है। इस प्रकार राज्य में लगभग समस्त इच्छुक लाभार्थियों को वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है।
वैक्सीनेशन के संबंध में प्रत्येक ग्राम सभा और वार्ड मेम्बर से उनके क्षेत्र में समस्त पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा रहा है। जिसके क्रम में उत्तराखण्ड राज्य में पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोविङ-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगायी जा चुकी है। वर्तमान में राज्य में द्वितीय डोज, गर्भवती महिलाओं, दिव्यांग एवं मानसिक रोग से ग्रसित और अन्य लाभार्थियों का टीकाकरण यथावत चलता रहेगा।
अतः उत्तराखण्ड राज्य को पूर्ण रूप से पात्र लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाये जाने वाला राज्य घोषित किया जाता है।